भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार ऑलराउंडर शिवम दुबे और उनकी पत्नी Anjum khan पिछले कुछ समय से एक विवादित सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर चर्चा में हैं। अंजुम खान ने हाल ही में इंस्टाग्राम पर एक स्टोरी पोस्ट की, जिसमें उन्होंने बीजेपी की अल्पसंख्यक मोर्चा की सदस्य नाजिया इलाही खान की गिरफ्तारी की मांग की। इस पोस्ट ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया और कई पक्षों से प्रतिक्रियाएं आईं।
विवाद की शुरुआत
अंजुम खान ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी में लिखा, “नबी की शान में गुस्ताखी करने वालों पर अगर आपको गुस्सा नहीं आता है तो आपका ईमान मर चुका है। अगर आपका ईमान जिंदा है तो मेरे साथ लिखिए #ArrestNaziaElahiKhan।” इसके बाद उन्होंने लिखा, “सभी साथियों से गुजारिश है कि अब इस नाजिया खान की खबर लेने का वक्त आ गया है। मुसलमानों के खिलाफ बोलते-बोलते अब ये हमारे आका नबी के खिलाफ भी बेहूदा बातें कर रही है।” हालांकि, यह पोस्ट वायरल होने के बाद अंजुम ने इसे डिलीट कर दिया।
नाजिया इलाही खान की प्रतिक्रिया
इस पोस्ट के जवाब में नाजिया इलाही खान ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “मैडम आपने एक हिंदू से शादी की है। इस्लाम के हिसाब से अब आप मुसलमान नहीं हैं। इस्लाम के हिसाब से आपकी शादी स्वीकार्य नहीं है, ये बात मैं संवैधानिक अदालत, शरिया अदालत दोनों को साबित कर दूंगी। पर जो उत्तेजक, नफरत, खतरनाक कंटेंट आपकी बीवी ने मेरे खिलाफ लिखा, पोस्ट क्या वो अब उसको साबित करना होगा, नोटिस मैंने भेज दिया है हिम्मत तब पता चलेगी जब तुम्हारी बीवी कोर्ट आ कर जवाब देगी।”
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद से सोशल मीडिया पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। एक ओर जहां अंजुम खान के समर्थकों ने नाजिया इलाही खान के खिलाफ समर्थन प्रकट किया, वहीं दूसरी ओर नाजिया के समर्थकों ने अंजुम के खिलाफ तीखी आलोचना की। कई लोगों ने अंजुम की धार्मिक पहचान और उनके विवादित पोस्ट पर सवाल उठाए, जबकि अन्य ने इस पूरे विवाद को सामाजिक और धार्मिक ध्रुवीकरण की ओर एक कदम बताया।
धार्मिक और सामाजिक मुद्दे
इस विवाद ने धार्मिक पहचान और सोशल मीडिया की भूमिका पर एक महत्वपूर्ण सवाल खड़ा किया है। Anjum khan और नाजिया इलाही खान के बीच का यह विवाद एक ओर जहां धार्मिक भावनाओं को लेकर संवेदनशीलता को उजागर करता है, वहीं दूसरी ओर यह सोशल मीडिया के प्रभाव और दुष्प्रभावों को भी दर्शाता है। सोशल मीडिया ने जहां लोगों को अपनी आवाज उठाने का एक प्लेटफॉर्म दिया है, वहीं इसके द्वारा फैलाए जा रहे नफरत और द्वेषपूर्ण सामग्री के कारण समाज में विभाजन भी उत्पन्न हो सकता है।
आलोचनाएं और विवाद
इस विवाद के पीछे एक बड़ा मुद्दा यह है कि कैसे धार्मिक और सामाजिक मुद्दों को सोशल मीडिया पर सुलझाया जा रहा है। कई लोगों ने अंजुम खान की स्टोरी को धार्मिक भावनाओं को भड़काने का प्रयास बताया और इसे सामाजिक शांति के खिलाफ एक कदम माना। वहीं, नाजिया इलाही खान ने भी इस मुद्दे को संवैधानिक और शरिया दृष्टिकोण से चुनौती दी है, जिससे विवाद और भी गहरा गया है।
अंजुम खान और नाजिया इलाही खान के बीच का यह विवाद एक महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दे को उजागर करता है, जिसमें धार्मिक पहचान, सोशल मीडिया की भूमिका और समाज में ध्रुवीकरण जैसे मुद्दे शामिल हैं। इस विवाद ने न केवल संबंधित व्यक्तियों को ही प्रभावित किया है, बल्कि पूरे समाज में एक बड़ा सवाल खड़ा किया है कि सोशल मीडिया और धार्मिक संवेदनशीलता के मुद्दों को कैसे संभाला जाए। इस तरह के विवादों का समाधान शांतिपूर्ण और संवैधानिक तरीके से होना चाहिए ताकि समाज में सौहार्द और शांति बनी रहे।
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