रिपोर्ट्स के अनुसार, स्पेसएक्स ने रविवार को 400 फुट ऊंचे (122 मीटर) स्टारशिप वीकल को लॉन्च किया। यह लॉन्च भारतीय समयानुसार शाम करीब 6 बजे हुआ। रॉकेट को अमेरिका में साउथ टेक्सास स्थित स्टारबेस लॉन्च साइट से उड़ाया गया।
स्पेसएक्स की योजना स्टारशिप रॉकेट के फर्स्ट स्टेज बूस्टर जिसे सुपर हैवी (Super heavy) के नाम से जाना जाता है, उसे वापस ‘लॉन्च माउंट’ पर लाने की थी। बूस्टर को एक लॉन्च टावर पर पहुंचना था। और जैसी उम्मीद लगाई गई थी, वैसा ही हुआ।
रिपोर्टों के अनुसार, उड़ान भरने के लगभग 7 मिनट बाद सुपर हेवी बूस्टर ने लॉन्च टावर पर सफल लैंडिंग कर ली। टावर पर लगे सिस्टम ने बूस्टर को कैप्चर कर लिया। इस दौरान लाइव कमेंट्री कर रहे स्पेसएक्स के इंजीनियर ने कहा कि यह इंजीनियरिंग इतिहास की किताबों के लिए एक दिन है। सफलता से उत्साहित स्पेसएक्स कर्मचारी जोरों से चिल्ला रहे थे। वो नारे लगा रहे थे। स्पेसएक्स के प्रवक्ता ने यहां तक कह दिया कि वह जादू जैसा लग रहा था।
मिली एक और कामयाबी!
स्पेसएक्स की सफलता सिर्फ इतने तक ही सीमित नहीं रही। फर्स्ट स्टेज बूस्टर ने स्पेसएक्स के 165-फुट ऊंचे अपर स्टेज को आसमान में पहुंचाया था, जिसे स्टारशिप कहा जाता है। उसे अंतरिक्ष का सफर करके हिंद महासागर में स्पलैशडाउन करना था। तय योजना के अनुसार, लॉन्च के 65 मिनट बाद स्टारशिप अपने इंजनों को फायर कर नीचे आया और समुद्र के ऊपर मंडराने लगा।
What is Starship Rocket
स्टारशिप एक रीयूजेबल रॉकेट है। इसमें मुख्य रूप से दो भाग हैं। पहला है- पैसेंजर कैरी सेक्शन यानी जिसमें यात्री रहेंगे, जबकि दूसरा है- सुपर हैवी रॉकेट बूस्टर। स्टारशिप और बूस्टर को मिलाकर इसकी लंबाई करीब 400 फीट (122 मीटर) है। जबकि वजन 50 लाख किलोग्राम है। जानकारी के अनुसार, स्टारशिप रॉकेट 1.6 करोड़ पाउंड (70 मेगान्यूटन) का थ्रस्ट उत्पन्न करने में सक्षम है। यह नासा के स्पेस लॉन्च सिस्टम (SLS) रॉकेट से लगभग दोगुना अधिक है।
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