नयी दिल्ली । अखिल भारतीय टेनिस संघ (एआईटीए) ने नये पदाधिकारियों का निर्विरोध चयन कर लिया, लेकिन दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार परिणाम की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई। अदालत में महासंघ द्वारा खेल संहिता के उल्लंघन की याचिका पर सुनवाई जारी है। एआईटीए को अपनी वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में चुनाव करवाना था, लेकिन मतदान की जरूरत नहीं हुई क्योंकि निर्वाचन अधिकारी को प्रत्येक पद के लिए केवल एक नामांकन प्राप्त हुआ था।
इस चुनाव में नये अध्यक्ष, महासचिव और कोषाध्यक्ष के अलावा आठ उपाध्यक्ष, चार संयुक्त सचिव और कार्यकारी परिषद के 10 सदस्य चुने गये हैं। यह पता चला था कि रोहित राजपाल और एक अन्य उम्मीदवार ने अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन दाखिल किया था लेकिन भारतीय डेविस कप के गैर-खिलाड़ी कप्तान रहे राजपाल ने बाद में अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली। पूर्व भारतीय खिलाड़ियों सोमदेव देववर्मन और पूरव राजा ने एआईटीए चुनावों पर रोक लगाने की मांग की थी।उनका दावा था कि महासंघ खेल संहिता का पालन नहीं कर रहा है और चुनाव लड़ने वाले कई उम्मीदवार इसके लिए योग्य नहीं है।
अदालत ने इस याचिका पर चुनावों पर रोक तो नहीं लगाई, लेकिन एआईटीए और खेल मंत्रालय से अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। अदालत ने कहा, ‘‘ चुनाव तत्काल रिट याचिका के परिणाम के अधीन रहेगा। चुनाव के परिणाम को चुनाव अधिकारी द्वारा सीलबंद लिफाफे में रखा जाएगा, जिसका अर्थ है कि चुनाव के परिणाम को प्रकाशित नहीं किया जाएगा। इस मामले की अगली सुनवाई 14 अक्टूबर को होगी। मामले की सुनवाई तक पदाधिकारियों की नयी और पुरानी टीम संयुक्त रूप से महासंघ का ध्यान रखेगी।
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