इस रिसर्च ने संभावित रूप से खुलासा किया है कि चंद्रमा की सतह पर पानी के मॉलिक्यूल्स, हाइड्रेटेड सॉल्ट्स के रूप में मौजूद हो सकते हैं। ये हाइड्रेट चंद्रमा के ऊंचाई वाले इलाकों के साथ उन क्षेत्रों में भी हैं जहां सूर्य की रोशनी आती है। रिसर्चर्स का कहना है कि यह खोज फ्यूचर में चंद्रमा पर वॉटर रिसोर्सेज के डेवलपमेंट के लिए नई संभावनाएं खोलेगी।
गौरतलब है कि चीन लगातार चांद पर अपने मिशन भेज रहा है। पिछले महीने ही चीन का रोबोटिक चांग’ई 6 मिशन (Chang’e 6 mission) चंद्रमा के सुदूर इलाके से सैंपल इकट्ठा करके पृथ्वी पर लौटा था। चंद्रमा का सुदूर इलाका वह जगह है, जो पृथ्वी से नहीं दिखाई देती। दुनिया में पहली बार कोई मून मिशन उस जगह से सैंपल लेकर वापस धरती पर लौटा। चीनी वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि चांग’ई 6 मिशन भी चांद के बारे में नई जानकारियां जुटाएगा।
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