इन दिनों आईटी कंपनियां अपना मार्जिन बढ़ाने का प्रयास कर रही हैं। इस प्रयास के तहत वो एंट्री लेवल पर ही कर्मचारियों को कम वेतन की पेशकश कर रही हैं। इसका हालिया उदाहरण कॉग्निजेंट कंपनी की तरफ से देखने को मिला है। कंपनी के ऑफ-कैंपस भर्ती अभियान में कॉग्निजेंट द्वारा प्रस्तावित वेतन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बहस छेड़ दी है।
फर्म ने 2.5 लाख रुपये या 20,000 रुपये प्रति माह का वार्षिक मुआवजा पैकेज पेश किया, जो भारत के आईटी क्षेत्र के लिए एक दशक का नया न्यूनतम स्तर है, जो आमतौर पर इंजीनियरिंग स्नातकों को औसतन 3.5 लाख रुपये से 4 लाख रुपये की सीमा में वार्षिक वेतन प्रदान करता है। दरअसल आईटी कंपनियां अपना मार्जिन बढ़ाने का प्रयास कर रही हैं, इसलिए वे प्रवेश स्तर के कर्मचारियों को कम वेतन की पेशकश कर रही हैं – जो कि अभूतपूर्व रूप से निम्न स्तर पर पहुंच गया है।
इस कारण हुई चर्चा
एक जॉब पोस्टिंग में, कॉग्निजेंट ने कहा कि वह 2024 बैच में किसी भी 3 साल के पूर्णकालिक डिग्री प्रोग्राम के साथ स्नातक करने वाले उम्मीदवारों के लिए 2.5 लाख रुपये का पैकेज दे रहा है, जो आवेदन करने के योग्य हैं। इस पैकेज ने चिंता बढ़ा दी है क्योंकि सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने इसकी राशि पर सवाल उठाए हैं। एक यूजर ने लिखा, “यह गांव में एक साल का किराया और मैगी के कुछ पैकेट के लिए मुश्किल से पर्याप्त है। कॉग्निजेंट यह देखने के लिए कोई प्रयोग कर रहा होगा कि क्या लोग चाय और उम्मीद पर जी रहे हैं।”
क्या अन्य आईटी कम्पनियों में भी यही स्थिति है?
कॉग्निजेंट की प्रतिद्वंद्वी विप्रो ने वर्क इंटीग्रेटेड लर्निंग प्रोग्राम 2024 शुरू किया है, जो बीसीए और बीएससी छात्रों को एम.टेक की डिग्री हासिल करने के दौरान आईटी फर्म के साथ काम करने का अवसर प्रदान करता है। विप्रो की जॉब पोस्टिंग में कहा गया है कि फ्रेशर्स को 75,000 रुपये का जॉइनिंग बोनस और पहले साल के लिए 15,000 रुपये वजीफा और 488 रुपये ईएसआई बीमा कवरेज मिलेगा, जो कुल मिलाकर पहले साल के लिए 2.6 लाख रुपये सालाना है। दूसरे साल में कोई बोनस घटक नहीं होने पर, उन्हें 17,000 रुपये का वजीफा और 533 रुपये प्रति माह का ईएसआई कवरेज मिलता है, जिसका मतलब है कि सालाना 2.1 लाख रुपये होना।
#Cognizant #क #फरशरस #क #लए #लख #वरषक #वतन #क #मजक #उडय #गय #039चय #क #लए #परयपत #वतन…039
Source link