सावन माह की शुरुआत 22 जुलाई से हो गई है। शिव भक्तों के लिए सावन का महीना बेहद खास है। इस दौरान लोग सावन सोमवार व्रत, मंगला गौरी व्रत, एकादशी, प्रदोष व्रत और तीज का व्रत रखते हैं। जो लोग व्रत रखते हैं वो फलहारी के लिए साबूदाना की खिचड़ी जरुर बनाते हैं, इसे बनाना तो काफी आसान है, लेकिन इसे खिला-खिला बनाना काफी मुश्किल है। हालांकि, साबूदाना की खिचड़ी काफी टेस्टी होती है, अब यह चाहें चिपचिपी बनी हो या सूखी हो। अगर आप भी खिली-खिली खिचड़ी बनाना चाहते हैं, तो उसे बनाते समय बस एक चीज डाल दें, जिससे खिचड़ी का स्वाद बहुत हूी दानेदार खिली-खिली बनेगी।
खिली-खिली साबूदाना खिचड़ी कैसे बनाएं?
– खिचड़ी बनाने के लिए साबूदाना के बड़े दाने वाले पैकेट
खरीदें।
– साबूदाना खिचड़ी बनाने के लिए साबूदाना को भिगो लें।
– साबूदाना को भिगोने से पहले 2-3 बार धो लें, इससे उसका स्टार्च भी धूल जाए।
– इसके बाद साबूदाना में उतना ही पानी डालना जितना साबूदाना हो, नहीं तो साबूदाना ज्यादा पानी सोख लेगा और फिर जब इसे बनाएंगे तो चिपचिपा बनेगा।
– साबूदाना कम पानी को अच्छे से सोख लेगा और गिला नहीं होगा।
खिली-खिली साबूदाना खिचड़ी बनाने के लिए डालें यह एक चीज
-साबूदाना 3-4 घंटे में भीग जाए, तो उसके पानी को छान लें अगर आप उस निथारकर अलग रख दें।
– एक पैन में तेल डालकर गर्म करें और जीरा, राई करी पत्ता डालकर चटकाएं।
– फिर इसमें उबले हुए आलू के बारीक टुकड़े हरी मिर्च और भीगे हुए साबूदाना को डालकर मिक्स करें।
– अब नमक और धनिया डालकर मिक्स करें।
– साबूदाना खिचड़ी को खिली-खिली बनानेके लिए मूंगफली का पाउडर बना लें।
– मूंगफली को पैन में डालकर रोस्ट करें और छिलका उतारकर पीस लें।
– फिर इस पाउडर को खिचड़ी में डालें और अच्छे से मिक्स कर ढक दें।
– दरअसल, मूंगफली में तेल की अच्छी मात्रा होती है, जो साबूदाना में पड़ने के बाद उसमें चिपककर उसे बाकी दोनों से अलग-अलग करती है।
– खिचड़ी को कुछ देर तक ढक कर भाप में पकाएं, ताकि वह कच्चा न रह जाए।
– तैयार है आपकी साबूदाना की खिचड़ी गर्मा-गर्म सर्व करें।