सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने शुक्रवार को कांग्रेस द्वारा लगाए गए अनियमितता और हितों के टकराव के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि ये आरोप ‘गलत, प्रेरित और मानहानिकारक हैं।’ बुच ने कहा कि आरोप उनके द्वारा दाखिल आयकर रिटर्न पर आधारित हैं। उन्होंने आगे कहा कि सभी सूचनाएं पूरी तरह से उजागर कर दी गई हैं और करों का भुगतान विधिवत किया गया है।
बुच ने एक बयान में कहा, “हमारे आयकर रिटर्न स्पष्ट रूप से धोखाधड़ी के तरीकों और अवैध तरीके से प्राप्त किए गए हैं। यह न केवल हमारी निजता के अधिकार (जो एक मौलिक अधिकार है) का स्पष्ट उल्लंघन है, बल्कि आयकर अधिनियम का भी उल्लंघन है।”
कांग्रेस ने हाल ही में सेबी प्रमुख और उनके पति के खिलाफ कई आरोप लगाए हैं, जिसमें उनसे संबंधित एक कंसल्टेंसी फर्म से जुड़े हितों के टकराव का आरोप लगाया गया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि धवल बुच ने महिंद्रा समूह से 4.78 करोड़ रुपये उस समय कमाए, जब नियामक बाजार उल्लंघन के लिए उनकी जांच कर रहा था।
बयान के अनुसार, सेबी में शामिल होने के बाद माधबी ने कभी भी अगोरा एडवाइजरी, अगोरा पार्टनर्स, महिंद्रा समूह, पिडिलाइट, डॉ रेड्डीज, अल्वारेज़ एंड मार्सल, सेम्बकॉर्प, विसु लीजिंग या आईसीआईसीआई बैंक से जुड़ी किसी भी फाइल को नहीं निपटाया।
इसमें आगे कहा गया है, “आरोप पूरी तरह से झूठे, दुर्भावनापूर्ण और मानहानिकारक हैं। माधबी ने सेबी के सभी प्रकटीकरण और अस्वीकृति दिशानिर्देशों का अनुपालन किया है, और वास्तव में, दिशानिर्देशों के तहत आवश्यकताओं से परे सेबी के साथ एक सक्रिय निरंतर अस्वीकृति सूची बनाए रखी है।”
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